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भीगी पलकें-हाइकू रचना

             यादें पिया की–हाइकू रचना

खोई खोई सी
रहती हर पल
नई दुल्हन

गोरे हाथों में
मेहँदी की खुशबू
बनी बैरन

फूलो की सेज
और संग पिया का
रहा दो पल

देस सेवा को
जबसे गये सैया
नैना सजल

दूरी सहती
पर चुप रहती
भीगी पलकें

फर्ज जरूरी
समझके छुपाती
बातें जिया की

कैसे कहे वो
पल पल सताए
यादें पिया की

                   –प्रीति ताम्रकार
                     जबलपुर


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4 Comments

बहुत ही सुन्दर रचना 👌👌

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Shailja Gupta

17-Sep-2021 08:16 AM

बहुत सुंदर पंक्तियां 👌🏻👌🏻💐

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Shatakshi Chaturvedi

17-Sep-2021 07:37 AM

Nice🤗

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